में हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट ने दिया है फैसला
- छत्तीसगढ़, राँँची, डी.आर.डी. फाउंडेशन के महासचिव सह भारतीय नौजवान इंकलाब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शमशेर आलम राही ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि झारखंड में शिक्षा विभाग के द्वारा शिक्षक नियुक्ति के द्वितीय काउंसलिंग का लिस्ट जारी हुआ लेकिन इनमें दिव्यांगजनों की एक भी सीट नहीं दी गई है जबकि झारखंड के दिव्यांगजन इस मुद्दे पर कई बार सरकारी दफतर और कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं और झारखंड हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांगजनों के हक में ही फैसला दिया है जो कि केस नम्बर 7525 को मजबूती से देखा जा सकता है मगर झारखंड की सरकार और उसके विभाग यहाँ की गरीब दिव्यांगजन के लिए क्यों कुछ करने से पीछे हट जाती है न जाने कितने झारखंड के दिव्यांगजन टेट पास करने के बावजूद अपनी जिन्दगी को जीने के लिए भीक मांगने पर उतारु हैं और न जाने कितने के जमीन घर तक लुट गए सरकारी नौकरी पाने के लिए । मगर यह झारखंड की सरकार दिव्यांगजनों के लिए कुछ करना ही नहीं चाहती ।
झारखंड के दिव्यांग छात्र अभी तक 2 TET और 4 बार हाइस्कूल के एग्जाम लिखने के बावजूद अभी तक बहाल नही हो पाए है सिर्फ ज़रकारी तंत्र के गलत नीति के कारण अभी B.A. Bed. M.A. Med दिव्यांगजन बेरोजगारी में जिंदगी जी रहे हैं।
मैं एक रांची शहर के सामने कि मिसाल देता हूँ जो इटकी का रहने वाला है नाम है इरफान इस व्यक्ति ने
2 बार TET
1 बार CTET
3 बार हाई स्कूल एग्जाम लिख कर भी बेरोजगार है और न जाने कितने दिव्यांगजनों के नाम इस तरह मेरे पास हैं जो सारी काबिलियत रखने के बावजूद भी दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं क्या सरकार के पास इसका कोई जवाब है तो मुझे बताया जाय।
श्री राही ने कहा कि अभी हम सब दिव्यांगजन इस न इंसाफी के मुद्दे को लेकर रांची हाई कोर्ट के कई वकीलों से संपर्क कर रहे हैं ताकी गरीब दिव्यांगजनों को हक और अधिकार मिल सके साथ ही
श्री शमशेर आलम राही ने कहा कि अगर सरकार ने इस काउन्सलिंग में दिव्यांगजनों को हक नहीं देती है तो इस बार समस्त झारखंड के दिव्यांगजन शिक्षा विभाग परिषद का घेराबंदी करेंगे और जब तक हमें हमारा इंसाफ नहीं मिल जाता हम अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करते रहेंगें।